John 7

यीसू ह मंडप (कुंदरा) तिहार बर यरूसलेम सहर जाथे

1एकर बाद, यीसू ह गलील प्रदेस म एती-ओती गीस। ओह यहूदिया प्रदेस ला नइं जाय चाहत रिहिस, काबरकि यहूदीमन उहां ओला मार डारे बर बाट जोहत रिहिन। 2पर जब यहूदीमन के कुंदरा के तिहार ह लकठा आईस
कुंदरा के तिहार के समय यहूदीमन अंगूर अऊ जैतून के फसल कटई के आनंद मनावंय। ए समय ओमन कुंदरामन म रहंय, जऊन मन पान वाले रूख के डारामन ले बनाय गे रहंय। ओमन अइसने ए बात के सुरता म करंय कि ओमन के पुरखामन चालीस साल तक सुनसान जगह म कइसने रहत रिहिन (लैब्यवस्था 23:33-36; 39-43; ब्यवस्था 16:13-16)।
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3त यीसू के भाईमन ओला कहिन, “तेंह ए जगह ला छोंड़के यहूदिया प्रदेस म चले जा, ताकि जऊन काम तेंह करथस, ओला तोर चेलामन घलो देखंय। 4काबरकि जऊन मनखे ह नांव कमाय चाहथे, ओह गुपत म काम नइं करय। जब तेंह ए काम करथस, त अपन-आप ला संसार के मनखेमन ला देखा।” 5अऊ त अऊ ओकर खुद के भाईमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करत रिहिन।

6तब यीसू ह अपन भाईमन ला कहिस, “मोर बर सही समय अभी तक नइं आय हवय। तुम्‍हर बर कोनो घलो समय ह सही ए। 7संसार ह तुम्‍हर ले बईरता नइं कर सकय, पर मोर ले बईरता रखथे, काबरकि मेंह एकर बिरोध म गवाही देथंव कि एकर काममन खराप अंय। 8तुमन ए तिहार म जावव। मेंह अभी ए तिहार म नइं जावंव, काबरकि मोर बर अभी तक सही समय नइं आय हवय।” 9ए कहिके, ओह गलील प्रदेस म रूक गीस।

10पर जब यीसू के भाईमन तिहार मनाय बर चल दीन, त ओह घलो गीस, पर ओह खुले आम नइं जाके गुपत ढंग ले उहां गीस। 11तिहार के बखत यहूदीमन ओला खोजत रिहिन अऊ ए पुछत रिहिन, “ओ मनखे ह कहां हवय?” 12मनखेमन के भीड़ म ओकर बारे म बहुंत कानाफूसी होवत रहय। कुछू मनखेमन कहत रिहिन, “ओह बने मनखे ए।” पर कुछू मनखेमन कहंय, “नइं, ओह मनखेमन ला धोखा देथे।” 13पर यहूदीमन के डर के कारन, यीसू के बारे म कोनो मनखे खुले आम कुछू नइं कहत रिहिन।

तिहार के बखत यीसू ह उपदेस देथे

14जब तिहार के आधा समय बीत गे, तब यीसू ह मंदिर म जाके उपदेस देवन लगिस। 15यहूदीमन अचम्भो करके कहन लगिन, “बिगर पढ़े ए मनखे ह अतेक जादा कइसने जानथे?”

16यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “जऊन उपदेस मेंह देवत हंव, ओह मोर खुद के नो हय। एह ओकर करा ले आथे, जऊन ह मोला पठोय हवय। 17यदि कोनो परमेसर के ईछा म चले बर चाहथे, त ओह जान डारही कि मोर उपदेस ह परमेसर कोति ले आथे या फेर मेंह अपन खुद के अधिकार ले गोठियावत हंव। 18जऊन ह अपन खुद के अधिकार ले गोठियाथे, ओह अपन खुद के महिमा चाहथे, पर जऊन ह अपन पठोइया के महिमा चाहथे, ओह सच्‍चा मनखे ए, अऊ ओम कुछू भी गलत बात नइं ए। 19का मूसा ह तुमन ला कानून नइं देय हवय? तभो ले तुमन ले एको झन घलो ओ कानून ला नइं मानय। तुमन काबर मोला मार डारे के कोसिस करत हव?”

20भीड़ के मनखेमन ओला जबाब दीन, “तोर म परेत आतमा हवय। कोन ह तोला मार डारे के कोसिस करथे?” 21यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह एक ठन अचरज के काम करेंव, अऊ तुमन जम्मो झन अचम्भो करत हव। 22मूसा ह तुमन ला खतना करे के हुकूम दीस, (असल म एह मूसा करा ले नइं आईस, पर एह पुरखामन ले चले आवत हवय), अऊ तुमन बिसराम के दिन म घलो लइका के खतना करथव। 23यदि बिसराम के दिन म एक लइका के खतना करे जा सकथे, अऊ मूसा के कानून ह नइं टूटय, त तुमन मोर ऊपर काबर नराज होवत हव कि मेंह बिसराम के दिन म एक मनखे ला बेमारी ले पूरा-पूरी ठीक कर दे हवंव? 24मुहूं देखके नियाय झन करव। पर सही-सही नियाय करव।”

का यीसू ह मसीह अय?

25तब यरूसलेम के कुछू मनखेमन कहन लगिन, “का एह ओ मनखे नो हय, जऊन ला मनखेमन मार डारे बर खोजत हवंय? 26ओह इहां हवय अऊ खुल्लम-खुल्ला गोठियावत हवय, अऊ ओमन ओला कुछू नइं कहत हवंय। हो सकथे कि अधिकारीमन सही म जान गे हवंय कि एहीच ह मसीह अय? 27पर हमन तो जानथन कि ए मनखे ह कहां के अय; जब मसीह ह आही, त कोनो ला पता नइं चलही कि ओह कहां के अय।”

28तब यीसू ह मंदिर म उपदेस देवत पुकारके कहिस, “तुमन मोला जानथव अऊ तुमन ए घलो जानथव कि मेंह कहां के अंव। मेंह इहां खुद नइं आय हवंव, पर जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह सच्‍चा ए। तुमन ओला नइं जानव। 29पर मेंह ओला जानथंव काबरकि मेंह ओकर करा ले आय हवंव अऊ ओह मोला पठोय हवय।”

30तब ओमन ओला पकड़े के कोसिस करिन, पर कोनो ओकर ऊपर हांथ नइं लगाईन, काबरकि ओकर समय ह अब तक नइं आय रिहिस। 31तभो ले भीड़ म ले बहुंत झन ओकर ऊपर बिसवास करिन। ओमन कहिन, “जब मसीह ह आही, त का ओह ए मनखे ले बड़के अचरज के चिन्‍हां देखाही?”

32फरीसीमन मनखेमन ला यीसू के बारे म अइसने कानाफूसी करत सुनिन, त मुखिया पुरोहित अऊ फरीसी मन यीसू ला पकड़े बर मंदिर के सिपाहीमन ला पठोईन।

33तब यीसू ह कहिस, “मेंह तुम्‍हर संग सिरिप थोरकन समय तक हवंव, तब मेंह ओकर करा चले जाहूं, जऊन ह मोला पठोय हवय। 34तुमन मोला खोजहू, पर नइं पाहू, अऊ जिहां मेंह हवंव, उहां तुमन नइं आ सकव।”

35यहूदीमन एक-दूसर ले कहिन, “ए मनखे ह कहां जाही कि हमन ओला नइं पाबो? का एह हमर ओ मनखेमन करा जाही, जऊन मन यूनानीमन के बीच म तितिर-बितिर होके रहिथें, अऊ यूनानीमन ला घलो उपदेस दिही? 36ओकर ए कहे के का मतलब ए, ‘तुमन मोला खोजहू, पर मोला नइं पाहू, अऊ जिहां मेंह हवंव, उहां तुमन नइं आ सकव?’ ”

37तिहार के आखिरी दिन जऊन ह सबले जादा महत्‍व के दिन रिहिस, यीसू ह ठाढ़ होईस अऊ चिचियाके कहिस, “कहूं कोनो पीयासन हवय, त ओह मोर करा आके पीयय। 38जऊन ह मोर ऊपर बिसवास करथे, परमेसर के बचन के मुताबिक ओकर हिरदय ले जीयत पानी के झरना बहे लगही।” 39यीसू ह एला ओ पबितर आतमा के बारे म कहिस, जऊन ह यीसू ऊपर बिसवास करइयामन ला बाद म मिलने वाला रिहिस। ओ समय तक पबितर आतमा ह नइं दिये गे रिहिस, काबरकि यीसू ह अब तक अपन महिमा म नइं पहुंचे रिहिस।

40ओकर ए बात ला सुनके कुछू मनखेमन कहिन, “सही म ए मनखे ह ओ अगमजानी ए, जऊन ह अवइया रिहिस।”

41आने मन कहिन, “एह मसीह अय।” पर कुछू अऊ मनखेमन कहिन, “गलील प्रदेस ले मसीह ह कइसने आ सकथे? 42का परमेसर के बचन म ए नइं लिखे हवय कि मसीह ह दाऊद के बंस अऊ बैतलहम गांव ले आही, जिहां दाऊद रहत रिहिस?” 43ए किसम ले यीसू के कारन मनखेमन म मतभेद हो गीस। 44ओम ले कुछू झन ओला पकड़े चाहत रिहिन, पर कोनो ओकर ऊपर हांथ नइं डारिन।

यहूदी अगुवामन के अबिसवास

45आखिर म, मंदिर के सिपाहीमन मुखिया पुरोहित अऊ फरीसीमन करा वापिस चल दीन। तब ओमन मंदिर के सिपाहीमन ले पुछिन, “तुमन यीसू ला पकड़के काबर नइं लानेव?”

46सिपाहीमन जबाब दीन, “जऊन किसम ले ए मनखे ह गोठियाथे, वइसने आज तक कोनो नइं गोठियाय हवय।”

47फरीसीमन ओमन ला कहिन, “का ओह तुमन ला घलो भरमा दीस? 48का अधिकारी या फरीसीमन ले कोनो ओकर ऊपर बिसवास करे हवंय? 49नइं न! पर ए भीड़ के मनखे जऊन मन कानून के बारे म कुछू नइं जानंय, ओमन सरापित अंय।”

50निकुदेमुस जऊन ह यीसू करा पहिली गे रिहिस अऊ अगुवामन ले एक झन रिहिस, ओमन ला कहिस, 51“हमर कानून के मुताबिक, हमन कोनो मनखे ला दोसी नइं ठहरा सकन, जब तक कि पहिली ओकर बात ला नइं सुन लेवन अऊ ए नइं जान लेवन कि ओह का करे हवय?”

52ओमन कहिन, “का तेंह घलो गलील प्रदेस के अस? परमेसर के बचन म खोज, त तेंह पाबे कि गलील प्रदेस ले कोनो अगमजानी नइं आवय।”

53तब ओमन जम्मो झन अपन-अपन घर चल दीन।

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